वीर शमशेर जङ्गबहादुर राणा
वीर शमशेर जङ्गबहादुर राणा | |
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कार्यकाल वि.सं. १९४२ मैंसिर ०८ – वि.सं. १९५७ फागुन २३ | |
अग्रज : | रणोद्दिप सिँह बहादुर राणा |
उतराधिकारी : | देव शमशेर |
आफ्नोइ जानकारी | |
जनम | वि.सं. १९०९ मैंसिर २६ काठमाडौं, नेपाल अधिराज्य |
मर्या | वि.सं. १९५७ फागुन २३ (४८ बर्ष) काठमाडौं, नेपाल अधिराज्य |
वीर शमशेर जङ्गबहादुर राणानेपाल का राणा शासन बखत का सताउँ तथा नेपाल का ११ वाँ प्रधानमन्त्री हन्। यिन आफुनाइ जेठाबुवा श्री ३ रणोद्धीप को षड्यन्त्रपूर्वक हत्या गरिबरे श्री ३ का पद मी विराजमान होइरैथ्या। रणोद्धीप काे हत्या खिलाइ खडग शमशेर ज.ब.रा. ले विशेष मद्धत अरिराइथ्यो। उन ले भादगाँउ रे काठमाडौँ मी वीरधारा को व्यवस्था, पूल को निर्माण, बीर अस्पताल (वि.सं.१९७४), वीर पुस्तकालय को स्थापना, घण्टाघर को निर्माण आदी अरिराइथ्यो।
धीर शमशेर का १७ भाइ चेलाअन मध्ये का वीर शमशेर का प्रधानमन्त्रीत्व काल मी खड्ग शमशेर जङ्गबहादुर राणा कमाण्ड ईन चिफ तोकिया। अठार मैना पाछा उन पदच्यूत अरिया। निर्वासित जीवन बाँच्चाइ पाल्पा गया। पाछा उन लाई वि.सं. १९४५ मि पश्चिम नेपाल का रुपन्देही, कपिलवस्तु, बाग्लुङ रे पर्वत कि जिम्मेवारी का सङ्ङै पाल्पा का गौंडा मी पश्चिम कमाण्डर को दोसर्याँ जिम्मा दियियो। तसै बखत वि.सं. १९४९ मी रानी तेजकुमारी को कालगतिले मरु भयो। मरु का अन्तिम क्षण मी खड्ग शमशेरले रानी लाइ उनरा सम्झना मी भारत का आगराइ का झो ताजमहल निर्माण गरिबरे स्मृति लाइ आलोइ राख्द्या वचन दियाऽ रैेछन्। वचन अन्सारअ उन ले बेलायत बठेइ इन्जिनियर मगाइबरे रानीमहल निर्माण अद्द लायो रे यिसेरि बन्यो भयो ‘रानीमहल’ अर्थात् नेपाली ताजमहल।
सन्दर्भ सामग्रीअन
[सम्पादन • स्रोत सम्पादन]भाइरा लिङ्कअन
[सम्पादन • स्रोत सम्पादन]यि लै हेर
[सम्पादन • स्रोत सम्पादन]राजनीतिक कार्यालयअन | ||
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पूर्वाधिकारि रणोद्दिप सिँह बहादुर राणा |
नेपाल का प्रधानमन्त्री सन् १८८५–१९०१ |
उत्तराधिकारि देव शमशेर जङ्गबहादुर राणा |