अमरसिंह थापा
स्वरूप
श्री बडाकाजी जर्नेल अमरसिँह थापा | |
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अमरसिँह थापा | |
उपनाऊ: | ज्यूँदो बाघ, बडाकाजी, जर्नेल अम्वरसिंह |
जनम | वि.सं. १८०८ जनै पूर्णिमा[१] सिरानचोक, गोरखा जिल्ला |
मृत्यु | वि.सं. गोसाइँ कुण्ड, रसुवा जिल्ला |
राष्ट्रियता | नेपाली |
तह: | जनरल |
लडाई/युद्ध | नेपाल अंग्रेज युद्ध, नेपाल-तिब्बत युद्ध वा नेपाल-भोट युद्ध |
अवार्ड: | राष्ट्रिय विभूति |
वंश: | ५ छोराहरू रणजोर सिंह थापा, रणध्वज थापा, रामदास थापा, नरसिंह थापा |
अमरसिंह थापाको जन्म वि. स. 2029 कअन लङ्गुरगढी छोडी १००० कि.मि. ३० दिनमा पार अरिवर मातृभूमिको रक्षार्थ दोसरो नेपाल तिब्बत युद्धमी नुवाकोट आइपुग्या थ्याः।[२] त्यइ बेला अमरसिंह थापालाई अङ्ग्रेज प्रलोभन धेकाया लै त्यसा लोभ लालचमी नफसी राष्ट्रिय हितलाई सर्वोपरि ठानी वीरता पूर्वक अङ्ग्रेजसित लडेकाले हाम उनीलाई राष्ट्रिय विभूतिका रूपमी सम्मान अद्दाछाैँ।
जीवनी
[सम्पादन • स्रोत सम्पादन]सन्दर्भअन
[सम्पादन • स्रोत सम्पादन]- ↑ http://bagalethapa.blogspot.com/2015/09/blog-post_35.html?m=1
- ↑ "नेपाली सेना ईतिहास". Archived from the original on 2016-12-20. Retrieved 2021-05-26.