धन्दो चैत्य
धन्दो चैत्य ས་ལྷག་རྡོ་ལྷག Dhando Stupa | |
---|---|
धन्दो चैत्योः दृश्य | |
सामान्य जानकारी | |
स्थान | काठमाडौँ, नेपाल |
सम्बन्धन | बौद्ध |
कलाकारिता विवरण | |
वास्तुकला प्रकार | स्तूप |
धन्दो चैत्य (तिब्बती: ས་ལྷག་རྡོ་ལྷག, सल्हाग दोल्हाग) काठमाडौं महानगरपालिकाआ चाबहिलमी रह्याः यक प्राचीन चैत्य हो। प्राप्त प्रमाणआ आधारमी यै चैत्यलाइ स्वयम्भू रे बौद्धनाथहै पुरानु चैत्य माणीन्छ।[१]
इतिहास
[सम्पादन • स्रोत सम्पादन]देवमाला वंशावलिआ अन्सारअ सूर्यवंशी राजा वृषमदेवले आफुना कूलमी चल्याः शैव धर्म छोड़िबर बौद्ध धर्ममी लाग्याः रे उनलाए सुइनामी भगवानले दर्शन दीबर तै ठउर रह्याः तलाउ भितरि धन भयाः रे तसै धन निकाइबर चैत्याकार भितरि गर्भ राखिबर मन्दीर बनाः भँण्ण्या आदेश दिया पछा जाइबर हेरन्ज्याँ भँण्याइका जस्याँ धन फेला पड्या पछा कलिगत सम्बत् २८१० मी येइ चैत्यओ निर्माण अरियाः हो। उसै समयमी मञ्जुविहार भँण्ण्या बहाल बनाइबर ३०० घरओ शहर लगै निर्माण गरियाःथ्यो। राजा वृषमदेवले बनौन लायाः तै चैत्यलाइ धन्दाडयो रे शहरलाइ चाबहिल नामाकरण गरियो। राइट वंशावलिआ अन्सारअ सम्राट अशोकले चेलि चारुमतीओ व्याः देवपत्तनआ देवपाल सित गरायाः रे उनइ चारुमतिले पछआ भिक्षुणी बनिबर बनायाः बिहारआ नाम बठेइ चाबहिल भयाः भँण्ण्या उल्लेख भयाः पायीन्छ।[१]