मन

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मन शरीर भितरको तो अदृश्य भाग हो जईबठेइ विचारको उत्पत्ति हुन्छ। यो मस्तिष्कै कार्यशक्तिको द्योतक हो। यो कार्यशक्ति भौत तरिकाको हुन्छ, जसो चिन्तन शक्ति, स्मरण-शक्ति, निर्णय शक्ति, बुद्धि, भाव, इन्द्रियाग्राह्यता, एकाग्रता, व्यवहार, परिज्ञान (अंतर्दृष्टि), इत्यादि।

मनका भाग[सम्पादनस्रोत सम्पादन]

फ्रायड नामक मनोवैज्ञानिका बनावटा अन्सार मनलाई तीन भागअनमी वर्गीकृत अरीयाथ्यो:

  • सचेतन: यो मनो लगभम दसवाँ हिस्सा हुन्छ, जैमी स्ययं तथा वातावरणा बारेमी जानकारी (चेतना) रन्छे। दैनिक कार्यअनमी व्यक्ति मनका इसै भागलाई व्यवहारमी ल्याउँछ।
  • अचेतन: यो मनो लगभग ९० प्रतिशत हिस्सा हो, जैका कामका बारेमी व्यक्तिलाई जानकारी नाइहुनी। यो मनै स्वस्थ एवं अस्वस्थ क्रियाअनमी प्रभाव पाणन्छ। एइको थाआ व्यक्तिलाई सुइनाअन बठेइ होइसकन्छ। एइमी व्यक्तिकी मूल-प्रवृत्ति सित जोणीयाऽ इच्छाअन जस्याँ कि भोक, तीस, यौन इच्छाअन चेपीबर रैरन्छिन। मान्सु मनआ एइ हिस्साआ सचेतन एस्तेमाल अरिनाइसक्दो। यदि एइ हिस्सामी चेपीयाऽ इच्छाअन नियंत्रण-शक्ति बठेइ बचीबर प्रकट होइग्या भँण्या भौत लक्षण धेकीनान जो पछा जाइबर कसै मनोरोगओ रूप लिनान।
  • अर्धचेतन या पूर्वचेतन: यो मनआ सचेतन तथा अचेतनआ बीचओ हिस्सा हो, जैलाई मान्सु चाह्याबर इस्तेमाल अरिसकन्छ, जस्याँ कि स्मरण-शक्तियो उ हिस्सा जैलाई व्यक्ति प्रयास अरीबर कसै घटनालाई याद अद्दामी प्रयोग अरिसकन्छ।

मनोरोग चिकित्सा[सम्पादनस्रोत सम्पादन]

यो चिकित्सा विज्ञान ऐ यक महत्वपूर्ण शाखा हो जो मनोरोगअनओ उपचार, निदान एवम् निवारण सित राखन्छ।

मनोविज्ञान[सम्पादनस्रोत सम्पादन]

विज्ञान ऐ तो शाखा जै मी मन ऐ सामान्य क्रियाआ अध्ययन अरीन्छ। मनोवैज्ञानिकअन कि प्रशिक्षण खिलाइ चिकित्सा आ ज्ञान जरूरी नाइथिन, तबै मनोवैज्ञानिक अक्सर केवल मनोरोगअन ऐ जाँच-पड़ताल (न कि उपचार)मी सहयोग दिनाआन।

मनोविश्लेषण[सम्पादनस्रोत सम्पादन]

मनोविश्लेषण मनोरोगअन ऐ उत्पत्तिया कारणअन ओ पत्ता लौनेइ यक विधि जो केइ प्रकार आ मनोरोगअन ओ, जस्याँकि हिस्टीरिया आदि का उपचार मी लै सहायक हुन्छे। येइ खिलाइ मनोरोग चिकित्सा या मनोविज्ञान ऐ जानकारी हुन पणन्छे।


सन्दर्भ[सम्पादनस्रोत सम्पादन]

बाइल्ला स्रोतअन[सम्पादनस्रोत सम्पादन]