धर्म
स्वरूप
धर्म संस्कृति या दर्शन को प्रमुख संकल्पना हो। साधारण शब्दअन मी धर्मका भौत माने छन् जैमी केयि यिन हन्- कर्तव्य, अहिंसा, न्याय, सदाचरण, सद्गुण आदि। धर्म भण्णाले दैवी शक्ति, परमात्मा या अदृश्य शक्तिमी अरीन्या विश्वास रे तसा शक्तीन सित सम्बन्दित बानीबेहोरा, मूल्य मान्यता तथा पुरातन बिधिइन पड्डान। कभैकायीँ आस्था अथवा विश्वास जसा शब्द लै धर्मका अर्थमी प्रयोग अरीनान। धर्म जीव या मान्सओ स्वाभाविक गुण हो। मानव संस्कृतिया विकासआ सङ्ङै धर्मओ अर्थ समाज रे व्यक्ति अन्साऱ फरक फरक पायीँछ।
सन्सारमी भौत किसिमआ धर्म माण्ण्या मान्सुन छन। जैमी है जनसंख्याआ हिसाबले सबहै मुख्य धर्म ईसाई, ईस्लाम, हिन्दु, बौद्ध, यहुदी आदि हुन्।